स्टेट डेस्क - प्रीति पायल
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह पर पटना जिला प्रशासन ने चुनाव आयोग के निर्देश पर FIR दर्ज की है। 3 नवंबर को मोकामा विधानसभा सीट पर प्रचार के दौरान ललन सिंह का एक वीडियो वायरल हुआ। मगही भाषा में दिए गए इस बयान में वे कहते हुए नजर आए कि चुनाव के दिन कुछ नेताओं को घर से बाहर नहीं निकलने देना चाहिए और उन्हें "पैक करके" रखना चाहिए।
पटना DM ने वीडियो की जांच के बाद भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत मामला दर्ज किया। आरोप में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन और मतदाताओं को धमकाना शामिल है।
RJD ने इस वीडियो को सबसे पहले सोशल मीडिया पर शेयर किया और आरोप लगाया कि गरीबों को वोटिंग से रोकने की साजिश रची जा रही है। तेजस्वी यादव ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी इसकी निंदा की। ललन सिंह ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उनके वीडियो में छेड़छाड़ की गई है। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने दावा किया कि बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और ललन सिंह सिर्फ अपने समर्थकों को सक्रिय रहने को कह रहे थे।
ललन सिंह के काफिले की कुछ गाड़ियां भी जब्त की गईं क्योंकि अनुमति से अधिक वाहन थे। मोकामा में डिप्टी मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर भी आचार संहिता उल्लंघन की अलग FIR दर्ज हुई। बिहार की 243 सीटों पर दो चरणों में मतदान होना है - 6 और 11 नवंबर को। मोकामा सीट पर जदयू ने जेल में बंद बाहुबली नेता अनंत सिंह को टिकट दिया है, जो RJD की वीणा देवी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
चुनाव आयोग अब आगे की कार्रवाई तय करेगा, जिसमें नोटिस से लेकर अयोग्यता तक का फैसला हो सकता है। यह मामला NDA के लिए बड़ा झटका माना जा रहा







